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इतनी तन्हाइयाँ हैं, डर भी सकती हूँ, दर्द -ओ- ग़म

इतनी तन्हाइयाँ हैं,
डर भी सकती हूँ,

दर्द -ओ- ग़म की आँधियों से,
टूट कर बिखर भी सकती हूँ,

तुम मुझसे दूर तो चले गये,
पर ये तलक कभी नहीं सोचा,

मैं तो पागल हूँ,
मर भी सकती हूँ ? Main mar bhi Sakti hu...
इतनी तन्हाइयाँ हैं,
डर भी सकती हूँ,

दर्द -ओ- ग़म की आँधियों से,
टूट कर बिखर भी सकती हूँ,

तुम मुझसे दूर तो चले गये,
पर ये तलक कभी नहीं सोचा,

मैं तो पागल हूँ,
मर भी सकती हूँ ? Main mar bhi Sakti hu...
ishqzadi2094

Ishqzadi

New Creator

Main mar bhi Sakti hu...