इतनी तन्हाइयाँ हैं, डर भी सकती हूँ, दर्द -ओ- ग़म की आँधियों से, टूट कर बिखर भी सकती हूँ, तुम मुझसे दूर तो चले गये, पर ये तलक कभी नहीं सोचा, मैं तो पागल हूँ, मर भी सकती हूँ ? Main mar bhi Sakti hu...