जैसे नदियों का बहना जरूरी है, नीर की स्वछंद अस्तित्व के लिए, वैसे भावों की अभिव्यक्ति जरूरी है, जीवन में आगे बढ़ते रहने और प्रगति के लिए।8 ©Kavita jayesh Panot #अभिव्यक्ति