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सवेरा लेकर आता है उजाला, काली रात ने सूरज को ढक डा

सवेरा लेकर आता है उजाला, काली रात ने सूरज को ढक डाल
चिड़िया चहकने लगी हर जगह बिना संगीत के मौसम खुशनुमा
 बना डाला, ओस की बूद को पीने एक मेढ़क कूदा!
सांप जाने कहाँ से आ उसे खाने को लपका!
मेढ़क होशियार था पानी पी छलांग लगा भागा!
सांप को चकमा दे डाला, सवेरे सवेरे जान बची!
 भगवान का शुक्रिया कर  दूर कही झाड़ी मे भागा!
जीवन चक्र सदियों से ऐसे ही चलता आया एक जीव 
 दूसरे जीव को खाता आया, एक मरता तो दूसरा 
 जीता, ज़िन्दगी से इसी तरह सबका जुडा है नाता!
 सूरज थक गया चंदा को उसने बुलवा भेजा आ जा अब तू 
रात का साथ दे वो खुद से भी  डरती है जरा अपना लैंप 
 जला दे, कभी चंदा अमावस का चाँद हो जाता है, पता नहीं कहाँ?
गुम हो जाता है किस को खबर कहाँ जाता है!
इसी तरह दिन रात, अंधेरा उजाला जीवन को ख़ुशी और 
 गम दे जाता है, इंसान अच्छे बुरे कर्म का लेखा जोखा 
अपने साथ ले जाता है, सिर्फ जल कर अपनी राख छोड़ जाता है!
 या तो कब्र मे सो जाता है, रात और दिन का चक्र यू ही चलता जाता है!

©Pooja Udeshi रात और दिन का चक्र 

#Morning
सवेरा लेकर आता है उजाला, काली रात ने सूरज को ढक डाल
चिड़िया चहकने लगी हर जगह बिना संगीत के मौसम खुशनुमा
 बना डाला, ओस की बूद को पीने एक मेढ़क कूदा!
सांप जाने कहाँ से आ उसे खाने को लपका!
मेढ़क होशियार था पानी पी छलांग लगा भागा!
सांप को चकमा दे डाला, सवेरे सवेरे जान बची!
 भगवान का शुक्रिया कर  दूर कही झाड़ी मे भागा!
जीवन चक्र सदियों से ऐसे ही चलता आया एक जीव 
 दूसरे जीव को खाता आया, एक मरता तो दूसरा 
 जीता, ज़िन्दगी से इसी तरह सबका जुडा है नाता!
 सूरज थक गया चंदा को उसने बुलवा भेजा आ जा अब तू 
रात का साथ दे वो खुद से भी  डरती है जरा अपना लैंप 
 जला दे, कभी चंदा अमावस का चाँद हो जाता है, पता नहीं कहाँ?
गुम हो जाता है किस को खबर कहाँ जाता है!
इसी तरह दिन रात, अंधेरा उजाला जीवन को ख़ुशी और 
 गम दे जाता है, इंसान अच्छे बुरे कर्म का लेखा जोखा 
अपने साथ ले जाता है, सिर्फ जल कर अपनी राख छोड़ जाता है!
 या तो कब्र मे सो जाता है, रात और दिन का चक्र यू ही चलता जाता है!

©Pooja Udeshi रात और दिन का चक्र 

#Morning
poojaudeshi7705

Pooja Udeshi

Gold Star
Super Creator

रात और दिन का चक्र #Morning