आज के युग में सभी रावण हैं रावण ने कर सीता हरन सुरक्षित रखा फिर भी उसका तन राक्षसों के मधय रहकर राम में रमा रहा उसका मन तभी तो सीता मां कहलाती पावन है। आज के युग में सभी रावण हैं। आज जन्म लेते ही सीता रावण के चंगुल में फस जाती है कभी निर्भया कभी मनीषा बन जीभ देह से कट जाती है चंचलता बरसती थी मुख पे जिसके खून के छींटों से धुल जाती है कहते हो पशु नहीं हम श्रेष्ठ जन है आज के युग में सभी रावण हैं। सुन! तेरी जीभ तो साबुत है फिर क्यों आवाज़ नहीं उठाते हो सुन! कमर भी बिल्कुल सीधी है फिर उठ क्यों नहीं पाते हो बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का नारा खूब लगाते हो फिर ए रावण बेटी को जिंदा क्यों जलाते हो जलते बदन से जला दो दुनिया कुटुंब नहीं ये भूमि रण है। आज के युग में सभी रावण है ©Neetu Arora आज के रावण #Stoprape