हसरतों को चाँद की खूँटी पे टांग आये हैं, इस बार खुदा से कुछ उनके लिए हम कुछ माँग आये है ना कम हो उनके चेहरे का नूर ना मजबूर हो उनका कोई उसूल लाखो के बीच में भी ना रहो तुम तन्हा आस - पास आपके रहे हर कोई अपना Plssssss commentsss... My post,,,,,,,,