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कविता- *मेरी प्यारी नानी* मेरी प्यारी

कविता-
           *मेरी प्यारी नानी*

मेरी प्यारी नानी जिनका नाम है , "श्रीमती बद्रिका श्रीवास"..
हम सब बच्चों पे है उनका , खूब भरोसा और विश्वास.......
करती है सबको प्यार, नही करती किसी को है निराश,
शांत स्वभाव आदत जिनका, करती है सबके दिलों व भठोरा में निवास....
है खुशियों से भरा परिवार, फैलती है हमेशा संस्कारो का प्रकाश,
सबका ख्याल रखती हो , चाहे दिन हो या रात....
हम सब बच्चों के लिय नानी, आप हो बहुत खास,
बनाये रखना हमपे भी एक आस, क्योंकि आप हो नानी मेरी,   "श्रीमती बद्रिका श्रीवास"......

कभी गिरे,  कभी हारे तो सदा हाथ बड़ाया आपने ,
ज़िन्दगी को नए तरीकों से ,फिर से जीना सिखाया आपने....
कोई कुछ भी बोले हमे , तो  उन्हें खूब डॉट लगाया आपने,
सबको मिलजुल, साहस, और सम्मान के साथ रहना भी सिखाया आपने.....
जिंदगी के हर कदम और मुस्किलो पर  चलना सिखाया आपने,
परिवार की देख रेख के साथ, रिश्तो की अहम भूमिका भी निभाया आपने.....

दुलार करती है, जो प्यार से ,
रूठ जाती है अक्सर , हमारे किये गए इनकार से...
बड़ा कोमल है , जिनका दिल...
मन करता है हर रोज मेरा, जाके उनसे मिल....

वो नानी मेरी तू कैसी है , आखिर इतनी भोली ,
तेरा आशीर्वाद , आज भी चमकता है, मेरे माथे पर बनके रोली....
तेरे प्यार के विश्वास के साथ , मैं ना जाने कितनी राते बचपन मे तेरी गोद मे मैं चैन से सोली...
मेरी प्यारी नानी, तुम सुन्दर और हो कितनी भोली........


                 रमाकांत श्रीवास
                सलिहाभॉठा( कोरबा) meri pyari nani
कविता-
           *मेरी प्यारी नानी*

मेरी प्यारी नानी जिनका नाम है , "श्रीमती बद्रिका श्रीवास"..
हम सब बच्चों पे है उनका , खूब भरोसा और विश्वास.......
करती है सबको प्यार, नही करती किसी को है निराश,
शांत स्वभाव आदत जिनका, करती है सबके दिलों व भठोरा में निवास....
है खुशियों से भरा परिवार, फैलती है हमेशा संस्कारो का प्रकाश,
सबका ख्याल रखती हो , चाहे दिन हो या रात....
हम सब बच्चों के लिय नानी, आप हो बहुत खास,
बनाये रखना हमपे भी एक आस, क्योंकि आप हो नानी मेरी,   "श्रीमती बद्रिका श्रीवास"......

कभी गिरे,  कभी हारे तो सदा हाथ बड़ाया आपने ,
ज़िन्दगी को नए तरीकों से ,फिर से जीना सिखाया आपने....
कोई कुछ भी बोले हमे , तो  उन्हें खूब डॉट लगाया आपने,
सबको मिलजुल, साहस, और सम्मान के साथ रहना भी सिखाया आपने.....
जिंदगी के हर कदम और मुस्किलो पर  चलना सिखाया आपने,
परिवार की देख रेख के साथ, रिश्तो की अहम भूमिका भी निभाया आपने.....

दुलार करती है, जो प्यार से ,
रूठ जाती है अक्सर , हमारे किये गए इनकार से...
बड़ा कोमल है , जिनका दिल...
मन करता है हर रोज मेरा, जाके उनसे मिल....

वो नानी मेरी तू कैसी है , आखिर इतनी भोली ,
तेरा आशीर्वाद , आज भी चमकता है, मेरे माथे पर बनके रोली....
तेरे प्यार के विश्वास के साथ , मैं ना जाने कितनी राते बचपन मे तेरी गोद मे मैं चैन से सोली...
मेरी प्यारी नानी, तुम सुन्दर और हो कितनी भोली........


                 रमाकांत श्रीवास
                सलिहाभॉठा( कोरबा) meri pyari nani