थोड़ा कहूंगा अधूरे कई अल्फ़ाज़ छोड़ जाऊंगा, अनकहे अनजाने अपने कई राज़ छोड़ जाऊंगा, ताउम्र डरता रहा जमाने की जिन बातो से, अब अपने वो शर्मों हया लिहाज़ छोड़ जाऊंगा, और ज़रा गौर से सुनना मेरी ख़ामोशी को, इसी ख़ामोशी में अपनी आवाज़ छोड़ जाऊंगा, क्या कहा मुझसे नाराज़ हो तुम, हा तो रहो ना, मुझसे नाराज़ रहने वालों को नाराज़ छोड़ जाऊंगा, और मय्यसर ना हुई मेरी बातो को वो तरजीह जहां, एक दिन वहां भी अपना जलता सिराज छोड़ जाऊंगा। ©Lukesh Sahu #nojotoshayari #nojotoshayar #Nojotowriter❤ #nojitohindi #राज़ कई राज छोड़ जाउंगा.......