कभी वाकई दे पाओ कुछ मुझे तो अपनी नजरों की महफूज़ सदाए देना मुझे नहीं चाहिए तुम से कुछ मतलब से तुम मुझे अपनी मोहब्बत देना अपने होठों से माथा चूमना मेरा ये जो घायल रूह लिए फिरती हु,शायद सुकून आ जाए झूठे ही सही एक बार कह देना मै हु ना, फ़िर क्यों फ़िक्र करती हो उफ्फ बेबाक क्यों बेवजह,उस पे मरती हो तुम मुझे और कुछ देना ना देना अपनी मौजूदगी अपनी सोहबत अपनी खुशबू अपनी बातें अपनी खराशें देना मै तुम्हारे ज़ख्म छू के देखूंगी,मै तुम्हे हर तरह समेटूंगी तुम मेरी राहते बन जाना मै तुम्हारा घर बन के देखूंगी तुम मुझे सहारा मत देना,तुम मेरा साथ देना तुम किसी दूसरे जज़्बात को हमारी मोहब्बत के आगे तरजीह मत देना देखो हम दोनों ही नासमझ हैं ज़रा फ़िर मोहब्बत समझदारो के बस की बात कहां तुम मुझे अपनी चाहते देना,तुम मुझे छू के राहते देना मै तुम में घुल के सो जाऊंगी एक दिन तुम मुझे नींद के वास्ते देना,मै कई अरसे से जलती आई हु हर आह हर सोज़ में ढलती आई हु,मै तुम से उम्मीदें रखना चाहती हु तुम मुझे थोड़े तो हौसले देना देखो मैं कांप जाती हु तुम से दूर जाने का सोच कर,नजदीकियों के सब मसले सारे हल कर तुम मुझे अपने साए की हिफाज़त देना,मुझे सदका ए मोहब्बत देना मैने खामोश मोहब्बत की है तुम से,तुम अपने लफ्ज़ों से इसे आबरू देना मै तुम्हारे आने के इंतज़ार में हु पता नहीं कब से इस खुमार में हु तुम मेरे हक़ में बहारें देना अपनी वफाओं के सहारे देना मुझे डर नहीं ज़माने से रहा है कभी भी मेरे साथ चलना और इशारे देना,सुनो ना..!! तुम आसमान हो मेरा,मुझे मेरे हक में तारे देना,अच्छा सब एक तरफ़ छोड़ भी दो लौट कर मुझ को मेरी मुस्कराहट लौटा देना तुम मासूमियत पर मेरी अपनी मोहब्बत लुटा देना...!! ©ashita pandey बेबाक़ #Thinking खूबसूरत दो लाइन शायरी शायरी लव दोस्ती शायरी