कल तक जो बिना कहे, "दिल" की बात समझते थे। अब वो "दोस्त" भी, समझाने से नहीं समझते हैं। - ब्राह्मण अभिषेक पटैरिया , ©Abhishek Pateriya #_दोस्ती #friends