बेजान से अल्फाज़ कुछ, बेज़ार से है साज़ कुछ। है धडकनों से कुछ अलग, दिल की है आवाज़ कुछ।। हम से कुछ ना बोलिए, हम से कुछ ना पूछिए। कौन, क्या, कैसे है, है हर किसी का राज़ कुछ।। ये इश्क़ का फितूर है, सर चढा तो ना उतरेगा। करे फिक्र क्या अंजाम की, जब हो ना आगाज कुछ।। इश्क़ मर्ज़ वो जो ना मौत दे, ये मर्ज़ वो जो ना जीवे दे। शायद तुझे भी है लग गया, है तबीयत तेरी नासाज कुछ।। इस मर्ज का इलाज भी, जिसने दिया है वहीं करे। अब कैसे हो आराम मुझको, मेरा यार है नाराज कुछ।। #tourdelhi #tourदिल्ली #delhi #ghazal #ghazalkar #shayari #shayar #hindishayari #hindiurdu