बेचैन मन और दिल में तुमसे मिलने की आस है। हवाओं में तुम हो और ये धूप सा तेरा एहसास है। मुक़म्मल हो तेरी हर ख़्वाहिश यह दुआ है मेरी! तेरा हो जाना मेरे लिए मुझसे भी ज़्यादा ख़ास है। ----- लिखूँ जो ख़त तुझे तो तू उनका जवाब मत देना। इन्तज़ार के लम्हें बीत गए उनका हिसाब मत देना। मुस्कुराने की बजह मैं हूँ तेरी क्यों कहती हो तुम! मुझको ये बेतकल्लुफ़ सा कोई ख़िताब मत देना। अभी हूँ तो साथ तेरे हूँ और तेरे ही साथ रहूँगा मैं! जो लिखी है मैंने किसी को वह क़िताब मत देना। आपको क्या करना' कैसे पूछते हो बार बार यूँ! जवाब नहीं है मेरे पास तो ऐसे सवाल मत देना। सुनो मैं आशिक़ नहीं मेरा मिजाज़ आशिक़ी है! पंछी ' यूँ चाहत में खुद को तू बिगाड़ मत लेना। ♥️ Challenge-995 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें! 😊 ♥️ दो विजेता होंगे और दोनों विजेताओं की रचनाओं को रोज़ बुके (Rose Bouquet) उपहार स्वरूप दिया जाएगा। ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें।