ग़लत ख़ुद था दूसरों को माफ़ करने निकला, दिल में मैल लिए दुनिया साफ़ करने निकला, बड़ी ही अजीब सी थी उस इंसान की फ़ितरत अपने ही किए जुल्मों का इन्साफ करने निकला ...... ✍🏻 रवि