"आपको यहाँ किस चीज की कमी है ? जो परदेस जाने की जिद पकड़ ली है, पैसा ही कमाना है, यहाँ साथ में मिलकर कमा लेंगे। इतनी दूर घर परिवार छोड़कर कौन सा पैसा आपको सुख देगा ? क्या हम लोगों की कोई मोल नहीं? पैसा ही सबकुछ है क्या आपके लिए?" मैं बिना रुके बोल रही थी, जानती थी जिद्दी इंसान है , नहीं रूकने वाला फिर भी एक कोशिश करना चाहती थी मैं। "तुम जो हो परिवार के लिए, मुझे यकीं है तुम सब अच्छे से देख लोगी , चलो जल्दी पैकिंग करो , मैं लेट हो रहा हूँ।" आंखों में पानी भर आया कि क्यों प्यार में वादे किए थे , हमेशा साथ रहेंगे, एक दूजे का साथ कभी भी नहीं छोड़ेंगें। "हाँ मैं सबका ख्याल रख लूंगी, सब अच्छे से देख भी लूंगी, सम्भाल लूंगी मगर........ मेरा क्या? " कहकर मैं उनसे लिपट गयी। "अच्छा अब नौटंकी मत करो, जब मैंने कह दिया की मुझे जाना है तो मतलब जाना है ।" "कोई मुझे नहीं रोक सकता "। कहकर वो निकल गए घर से, और मैं बस यही सोच रही थी कि "क्या पैसा ही सबकुछ है प्यार और रिश्तों की कोई अहमियत नहीं ...... या इस दुनिया से ऊब गए तो परदेस जाकर नई शुरुआत नए लोगों और नए प्यार के साथ ... कौन जाने????? #Rok_nahi_paye #परदेस #रिश्ते #nojotoquotesforall #nojotowritersclub #nojotohindi #anshulathakur #Kahaniya #storytelling #koshish