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White ताटंक छंद पाप नहीं मन में प्रभु जिसके, कौन

White ताटंक छंद 

पाप नहीं मन में प्रभु जिसके, कौन उसे विचलाएगा।
सूरज के आतप-प्रकाश को, रोक न कोई पाएगा।।
जुगनू क़ैद करे तो क्या फिर, कम प्रकाश हो पाएगा।
सत्य प्रकाशित मन में जिसके, वह प्रकाश फैलाएगा।।
पढ़ें बिना डिग्री ख़रीद कर, शिक्षक बन यदि जाएगा।
उपदेशों को बेच रहा जो, क्या आदर्श सिखाएगा।

©Shiv Narayan Saxena #GoodMorning उपदेशों को बेच रहा जो  poetry in hindi
White ताटंक छंद 

पाप नहीं मन में प्रभु जिसके, कौन उसे विचलाएगा।
सूरज के आतप-प्रकाश को, रोक न कोई पाएगा।।
जुगनू क़ैद करे तो क्या फिर, कम प्रकाश हो पाएगा।
सत्य प्रकाशित मन में जिसके, वह प्रकाश फैलाएगा।।
पढ़ें बिना डिग्री ख़रीद कर, शिक्षक बन यदि जाएगा।
उपदेशों को बेच रहा जो, क्या आदर्श सिखाएगा।

©Shiv Narayan Saxena #GoodMorning उपदेशों को बेच रहा जो  poetry in hindi