मुद्दतों बाद वो शाम आने को थी दो बिछड़े राहगीरों की राहें टकराने को थीं निगाहें मिलतीं तो क़यामत होती इल्म था उन्हें भी शायद वो तैयार खड़ी नज़रें चुराने को थीं। ✍️Kumar Divyanshu Shekhar #love #poetry #shayari #memories #nojoto #lovingwriting