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प्यार कहूं या इश्क कहूं , एतबार कहूं या विश्वास कह

प्यार कहूं या इश्क कहूं ,
एतबार कहूं या विश्वास कहूं,
कह दू आसमा या आकाश कहूं,
जो भी कहूं बस तुझको ही कहूं ।
है खुशी भी तू और गम भी तू,
इजहार कहूं या इकरार कहूं,
नज़्म कहूं या नजाकत कहूं ,
जो भी कहूं बस तुझको ही कहुं।।

©Ankita Singh
  #लफ्ज़_अधूरे_से