कठपुतली नही इनसान हूँ मैं ।
दर्द में भी मुस्कुराओ इतनी भी नही महान हूँ मैं।
तेरे इशारों पर नही चल पाई क्या इसलिए शैतान हूँ मैं।
तेरे जकड़न से अब परेशान हूँ मैं।
मत मार अपनें तानों से क्योकी पत्थर नही इन्सान हूँ मैं।
तु जो कह दे वो मैं कैसे मानू जबकि उसी बात से परेशान हूँ मैं।
कैपाऊँगीसे कुचल दूँ।अपना वजुद तेरे ये चंद लम्हों की ख़ुशी के लिए क्योकी कठपुतली नही इनसान हूँ मैं।
तेरे इशारों पर जब तक नाचूँ तब तक मैं महान हूँ।