लाख जतन हमने किए, पर बात न अपनी होने पाई। हम रस्मे-वफा निभाते रहे, तुम समझते रहे हरजाई। इक तुम्हीं हमारे न हुए, वरना दुनियाँ मे क्या नहीं होता, लिखदी है हमारे नसीब मे, शायद उपर वाले ने जुदाई। जलते रहे तेरी महफिलों मे हम, शमा की तरह, तुम अपनी दुनियाँ मे खोए रहे, हम देते रहे दुहाई। ग़िला-शिक़वा भला कैसा, यही दस्तूरे-उल्फत है, तुम्हें दिल मे बसाया है, तुम्हीं हो दुनियाँ हमारी। मोहब्बत की दुनियाँ भी, "फिराक़",अजीब दुनियाँ है, किसी को प्यार मिलता है, तो किसी को रुसवाई। Hello Resties!🎈 Remember our initiative to wish our followers on their special day?❤ We have upcoming birthdays and YQversaries of our beloved followers, in this week too. So, all you need to do is, shower them with your good wishes. Collab and write a #birthdaywish to our friends in RZ family. Let us make them feel special🤗