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जवानी में प्रेमिका को ना लिखे होते खत तो करने को क

जवानी में प्रेमिका को ना लिखे होते खत तो करने को कुछ था ही नही ,
 जिस किताब में प्रेमिका का खत रखा हो उसका पन्ना मौडा जाता था ,
  घर से भागना भी था तो खत छोड़ा जाता था ,
 वह सारी चिठिया क्या थी  बगावत , मोहबत , प्यार , स्नेह , निमंत्रण और माफी था मां की चिट्ठी आई है रुलाने के लिए एक वाक्य ही काफी था , 
इन दिनों किसी पुराने संदूक में कोई पुराना खत मिल जाए तो उसे चुप चुप कर किस करते हो की नहीं  सच सच बताना यार मिस करते हो कि नही ,
 #shailesh_lodha
जवानी में प्रेमिका को ना लिखे होते खत तो करने को कुछ था ही नही ,
 जिस किताब में प्रेमिका का खत रखा हो उसका पन्ना मौडा जाता था ,
  घर से भागना भी था तो खत छोड़ा जाता था ,
 वह सारी चिठिया क्या थी  बगावत , मोहबत , प्यार , स्नेह , निमंत्रण और माफी था मां की चिट्ठी आई है रुलाने के लिए एक वाक्य ही काफी था , 
इन दिनों किसी पुराने संदूक में कोई पुराना खत मिल जाए तो उसे चुप चुप कर किस करते हो की नहीं  सच सच बताना यार मिस करते हो कि नही ,
 #shailesh_lodha