बंद खिड़कियों से शायद बरसाती पानी रिसता होगा डाक़ के डब्बे में शायद कोई ना कोई ख़त पड़ता होगा उस छोटे से बग़ीचे में शायद सदाबहार का फूल आज भी खिलता होगा मेरे उस पुराने घर के बंद दरवाज़े को आस भारी निगाहों से कोई ना कोई तो देखता होगा #oldhouse #memories #lifequotes #life