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घोर तिमिर अंधियारा है। विपत में ये जग सारा है।



घोर तिमिर अंधियारा है। 
विपत में ये जग सारा है।
प्रकाशित दिये की लौ से,
उम्मीद अभी भी बाकी है।

दहशत में आवाम है। 
जीवन एक बलिदान है।
मिलेगा सांसों को नव जीवन
उम्मीद अभी बाकी है।

तपता रेगिस्तान है ।
राह नही आसान है।
कंठ प्यास से हैं क्षीण,
फिर भी उम्मीद अभी बाकी है।

रश्मि वत्स

©Rashmi Vats
  #galiyaan #तिमिर