गजाननं भूत गणादि सेवितं, कपित्थ जम्बू फल चारू भक्षणम्। उमासुतं शोक विनाशकारकम् नमामि विघ्नेश्वर पाद पंकजम्॥ ॐ गंग गणपतेय नम: वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ। निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा॥ सर्व विघ्नविनाशाय सर्वकल्याण हेतु। पार्वती प्रिय पुत्राय गणेशाय नमो नमः 🙏 वन्दहुं विनायक, विधि-विधायक, ऋद्धि-सिद्धि प्रदायकम्। गजकर्ण, लम्बोदर, गजानन, वक्रतुण्ड, सुनायकम्॥ श्री एकदन्त, विकट, उमासुत, भालचन्द्र भजामिहम। विघ्नेश, सुख-लाभेश, गणपति, श्री गणेश नमामिहम॥🙏