कोई खुद को कैसे बचाये सम्भाले धोखे देने लगे हैं चेहरे भोले भाले मैं जो हूँ उसके सामने बेपर्दा हूँ वो चाहे छोड़ दे, चाहे अपना ले हर वक़्त उसके इंतज़ार में रहता हूँ वो ना जाने कब आवाज़ दे, बुला ले मैंने अपना हर जुर्म कुबूल लिया है अब वो बेशक सजा दे, या बचाले दिल उसके दर पे निकल के रखा है उसकी मर्ज़ी ठोकर मार दे, या उठा ले मुझमें अब मैं नहीं हूँ कहीं भी मैंने खुद को कर दिया, उसके हवाले इन दिनों मुफ़लिसी का ये है आलम दौलत बेशुमार मगर, जहन पे ताले उसके घर का कोई क्या बिगाड़ेगा जो बिखरे टुकड़ों से भी, घर सजाले जानते हो मैं कभी हारा क्यों नहीं जितने ख्वाब टूटे, उतने ही देख डाले ©Sandeep Dahiya कोई खुद को कैसे बचाये सम्भाले #Nojoto #nojotohindi #nojotoshayari #shudhshayari #Trending #booklover