इतनी मशग़ूलियत के बावजूद भी,, मैं बस यही सोच कर,, हर शाम मुलाक़ात करता हूं यारो से,, ना जानें कौनसी शाम आख़िरी हो मेरी,, मेरे जिगरी यार की तरहा🥺 ©Rahul Jatu #friends