पानी पानी सा है यह जीवन,, कितनी भी तुम्हारी जकड़ मजबूत हो छिछले पानी में उतर कर काई से भरी जगह में फिसलन हो ही जाएगी,,, संभलना भी मुश्किल हो जाएगा और गिर पड़ोगे धड़ाम से, कितनी भी जद्दोजहद करो कितने भी हाथ पैर मारो आखिरकार गिर ही जाओगे,,, जीवन भी इसी तरह का बहाव है