Nojoto: Largest Storytelling Platform

कैसा दौर आ गया है, ना जाने कैसा शोर आ गया है, लोक

कैसा दौर आ गया है,
ना जाने कैसा शोर आ गया है,
लोक - डाउन के पहले कितना मिलकर हस्ते थे हम यारों,
अब ना जाने कैसा मोड़ आ गया है,
वैसे इक तरफ से अच्छा भी हुआ है,
घर वालों के साथ बैठना भी हुआ है,
घर वालों के साथ इतना बैठ लिया है,
ना जाने क्यों अब दिल बोर - सा हुआ है,
रोज़ एक ही हरकत करते दिल बोर हो ही जाता है,
ना जाने दिल कहां खो जाता है,
इस लोक डाउन में बहुत नुक्सान भी हुए हैं,
ना जाने हमारे कितने ही लोगों के घर तबाह हुए हैं,
नुक्सानों में एक नुक्सान ये भी हो रहा है,
बच्चों की पढ़ाई का बहुत नुक्सान हो रहा है,
एक तरफ कई कॉलेजों में नहीं लगी ऑनलाइन क्लास,
दूसरी तरफ नहीं की जा रही बच्चों कि फीस माफ,
बच्चों के साथ हो रहा है बहुत बड़ा अन्याय,
क्या करेंगे ये महोदय अध्यापिकाएं,
प्राइवेट जॉब वालों के लिए घर चलाना भी हो रहा है मुश्किल,
पर स्कूल और कॉलेज वालों को अपनी आय (income) से नहीं है फुरसत,
अगर है इक मुद्दा फीस माफ ना करने का,
तो समय देना चाहिए इन बच्चों के परिवारों को कुछ करने का,
ये मुश्किल घड़ी में इस बीमारी से लड़ने का,
पर एक लाभ भी हुआ है इस लोक डाउन से,
बच गई वो लड़कियां जो मारी जाती थी रेपिस्ट के हाथों से,
बस उम्मीद है कि फिर से आएगा इक नया दौर,
जब खुशियां होंगी चारों ओर..!!!
@anmolchugh8383✍️ #Art #Hindi #Poetry #college #Privatejob #2020 #lockdown
कैसा दौर आ गया है,
ना जाने कैसा शोर आ गया है,
लोक - डाउन के पहले कितना मिलकर हस्ते थे हम यारों,
अब ना जाने कैसा मोड़ आ गया है,
वैसे इक तरफ से अच्छा भी हुआ है,
घर वालों के साथ बैठना भी हुआ है,
घर वालों के साथ इतना बैठ लिया है,
ना जाने क्यों अब दिल बोर - सा हुआ है,
रोज़ एक ही हरकत करते दिल बोर हो ही जाता है,
ना जाने दिल कहां खो जाता है,
इस लोक डाउन में बहुत नुक्सान भी हुए हैं,
ना जाने हमारे कितने ही लोगों के घर तबाह हुए हैं,
नुक्सानों में एक नुक्सान ये भी हो रहा है,
बच्चों की पढ़ाई का बहुत नुक्सान हो रहा है,
एक तरफ कई कॉलेजों में नहीं लगी ऑनलाइन क्लास,
दूसरी तरफ नहीं की जा रही बच्चों कि फीस माफ,
बच्चों के साथ हो रहा है बहुत बड़ा अन्याय,
क्या करेंगे ये महोदय अध्यापिकाएं,
प्राइवेट जॉब वालों के लिए घर चलाना भी हो रहा है मुश्किल,
पर स्कूल और कॉलेज वालों को अपनी आय (income) से नहीं है फुरसत,
अगर है इक मुद्दा फीस माफ ना करने का,
तो समय देना चाहिए इन बच्चों के परिवारों को कुछ करने का,
ये मुश्किल घड़ी में इस बीमारी से लड़ने का,
पर एक लाभ भी हुआ है इस लोक डाउन से,
बच गई वो लड़कियां जो मारी जाती थी रेपिस्ट के हाथों से,
बस उम्मीद है कि फिर से आएगा इक नया दौर,
जब खुशियां होंगी चारों ओर..!!!
@anmolchugh8383✍️ #Art #Hindi #Poetry #college #Privatejob #2020 #lockdown