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मेरी फिक्र न कर...... मैं तो इश्क की नगरी का उड़ता

मेरी फिक्र न कर......
मैं तो इश्क की नगरी का उड़ता हुआ परिंदा हूँ।
तू खुद को सम्हाल के रख,मैं तुझमे ज़िंदा हूँ। laaif
मेरी फिक्र न कर......
मैं तो इश्क की नगरी का उड़ता हुआ परिंदा हूँ।
तू खुद को सम्हाल के रख,मैं तुझमे ज़िंदा हूँ। laaif