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दबे पांव जब तुम आती हो, पाजेब की झंकार से दिल के त

दबे पांव जब तुम आती हो,
पाजेब की झंकार से दिल के तार छेड़ जाती हो,

छुपके से आकर मेरी आँखों को बंद करती हो,
मेंहदी की खुश्बू से प्रेम को महकाती हो,

सीने से मेरे लगकर, 
जज्बात नये छेड़ जाती हो।


 नमस्कार लेखकों।😊

हमारे #rzhindi पोस्ट पर Collab करें और अपने शब्दों से अपने विचार व्यक्त करें । 

इस पोस्ट को हाईलाईट और शेयर करना न भूलें!😍

समय सीमा : 24 सितंबर, दोपहर 3 बजे तक।
दबे पांव जब तुम आती हो,
पाजेब की झंकार से दिल के तार छेड़ जाती हो,

छुपके से आकर मेरी आँखों को बंद करती हो,
मेंहदी की खुश्बू से प्रेम को महकाती हो,

सीने से मेरे लगकर, 
जज्बात नये छेड़ जाती हो।


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