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वक्त ने समेट रखे हैं कई राज़ और ज़ख्म, डर है कि कह

वक्त ने समेट रखे हैं कई राज़ और ज़ख्म,
डर है कि कहीं वह नाशूर ना बन जाए।।

©Dhuni #Past #Life 

#standAlone
वक्त ने समेट रखे हैं कई राज़ और ज़ख्म,
डर है कि कहीं वह नाशूर ना बन जाए।।

©Dhuni #Past #Life 

#standAlone
jyotiarya1581

Dhuni

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