Read in Captions a poem बॉस द शेर (कविता) :– आप हो जंगल के शेर, नाश्ते में खाते हो बेर, आने में नहीं करते हो देर, सुबह उठ जाते हो सवेर, Work from home हमसे करवाते हो, कंपनी को फायदा पहुंचाते हो, नौकरों का रखते हो ख्याल,