कुदरत का उसूल अब कहाँ दुआओं में वो बरक्कतें,वो नसीहतें,वो हिदायतें। अब तो बस जरूरतों का जुलूस हैं और मतलबों के सलाम हैं।। #ख़ुशामद #Nature