आवारगी सी दिवानी हुई रे मैं कान्हा मैं न जानू तेरी इतनी कोमल लीला काहे कहे मोसे तू अपनी संग की लीला अरे गिरधर गोपाल मेरे मन मोहना बस ऐसे ही तू मेरे मन मे बसे रहना ।। "जय श्री कृष्ण जी " जय श्री कृष्ण जी ।।