Nojoto: Largest Storytelling Platform

कभी बारिश, कभी ओले, तो कभी फिर ओस बनते है । जो मर

कभी बारिश, कभी ओले, तो कभी फिर ओस बनते है । 
जो मरता है कभी इंसा , तो वो फिर सोल बनते है ।
फिर जो देखो तो नजारे , वहा पर खूब दिखते है। 
जलाई कस्ती को तो सिर्फ, वहा पर राख मिलती है ।।



.
















.

©Kalamkar Rudra Jatav
  कभी बारिश, कभी ओले, तो कभी फिर ओस बनते है । 
जो मरता है कभी इंसा , तो वो फिर सोल बनते है ।
फिर जो देखो तो नजारे , वहा पर खूब दिखते है। 
जलाई कस्ती को तो सिर्फ, वहा पर राख मिलती है ।।

 #DhakeHuye #baris
risqyraorudra9732

Rudra Jatav

New Creator

कभी बारिश, कभी ओले, तो कभी फिर ओस बनते है । जो मरता है कभी इंसा , तो वो फिर सोल बनते है । फिर जो देखो तो नजारे , वहा पर खूब दिखते है। जलाई कस्ती को तो सिर्फ, वहा पर राख मिलती है ।। #DhakeHuye #baris

332 Views