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ज़माने बीत गए, ये काम हमको करते-करते, ऐ हाल कर दिय

ज़माने बीत गए, ये काम हमको करते-करते,
ऐ हाल कर दिया था ,लोग नाम से थे डरते।

हम ख़ुद को समझते थे, शहर कायदे आज़म,
नाक के नीचे, ऐ नया कौन हो गया माफिया।

इतनी जुर्रत कहां से, ये किसकी हो गई कि, 
सड़क के बीच, सरेआम हमें क़त्ल कर दिया।

हम तो सदियों से शहंशाह थे 'अतीक अहमद'
फ़िर क्यों ख़ुदा ने हमारा ,नामोनिशान मिटा दिया।़

©Anuj Ray
  #नामोनिशान मिटा दिया
anujray7003

Anuj Ray

Bronze Star
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#नामोनिशान मिटा दिया #न्यूज़

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