Nojoto: Largest Storytelling Platform

मन बाबरा है उड़ता है असीमित सैर कराता है ब्रह्मांड

मन बाबरा है उड़ता है असीमित 
सैर कराता है ब्रह्मांडो की
ले जाता है उसकी मर्जी होती वहां
सूर्य लोक में भी बैठ जाता है जाकर
हनुमान की तरह !
वहीं से लेता है जीवन की ऊर्जा 
लौट कर आ लगता है व्यसनों में
तीनो गुणों से होता है प्रभावित
करता है कर्म बनाता है बंधन
आज और कल के लिए ! 💕👨
Good morning ji
☕☕☕☕🍨🍨🍨🍸🍸🍹🍹🍓🍓🍫🍉🍉🍉🍫🍫🍫🍫🍉🍉🍉
:
मन के वश में होकर ही व्यक्ति कर्म की प्रकृति निर्मित करता है।उसी अनुरूप चलता है वैसे ही कर्म करता है और अपने व्यक्तिव को निर्मित करता है।
मन को पवित्र और सात्विक रखने का विधान है।
यह सात्विकता--- आपको परिवेश और पर्यावरण से मिलती है।
संगति का ज़िक्र इसी सिद्धांत से ही दिया जाता रहा है ।
मन बाबरा है उड़ता है असीमित 
सैर कराता है ब्रह्मांडो की
ले जाता है उसकी मर्जी होती वहां
सूर्य लोक में भी बैठ जाता है जाकर
हनुमान की तरह !
वहीं से लेता है जीवन की ऊर्जा 
लौट कर आ लगता है व्यसनों में
तीनो गुणों से होता है प्रभावित
करता है कर्म बनाता है बंधन
आज और कल के लिए ! 💕👨
Good morning ji
☕☕☕☕🍨🍨🍨🍸🍸🍹🍹🍓🍓🍫🍉🍉🍉🍫🍫🍫🍫🍉🍉🍉
:
मन के वश में होकर ही व्यक्ति कर्म की प्रकृति निर्मित करता है।उसी अनुरूप चलता है वैसे ही कर्म करता है और अपने व्यक्तिव को निर्मित करता है।
मन को पवित्र और सात्विक रखने का विधान है।
यह सात्विकता--- आपको परिवेश और पर्यावरण से मिलती है।
संगति का ज़िक्र इसी सिद्धांत से ही दिया जाता रहा है ।