#ना_जाने_क्यों अब न जाने क्यों किसी से कुछ कहते कहते एक दम खामोश हो जाना चाहता हूं, लगने लगता है इस दुनिया की भीड़ में जिसका खुद में एक हिस्सा हो चुका हूं ये लोग थोड़ा खामोश क्यों नहीं हो सकते, क्यों हर बात को खसीटते हैं क्यों जाहिर करने लगते है लोग अपने भाव हर एक बात पर... अब हम खुश हो या दुखी हो ये दुनिया को बताने की क्या जरूरत है क्यों अपने तक सीमित नहीं रखना चाहते।। ये जीवन की राहें ये जीवन के किस्से हिस्से क्या होना है क्या नहीं कुछ भी हमारे बस में नहीं है, मतलब साफ है चाहें हम जीते या हम हार जाएं कुछ भी ऐसा नहीं है जिसके लिए हम तैयार हैं पहले से.. कभी कभी होता है जीवन में सबके वो पल जब वो व्यक्ति उस पल ऐसा हो जाता है उन दृश्यों के सामने की वो व्यक्ति कभी कभी अचेत अवस्था में पहुंच जाता है, एक दम बेबस लाचार सा, भयभीत सा ऐसे हो जाता है जैसे शरीर सुन्न सा पड़ गया है।। पर फिर भी हम इस भीड़ का हिस्सा बने रहना ही चाहते आखिर क्यों, जब हमे पता है इनमे से हमारे साथ कोई खड़ा होने वाला नहीं है... ना जाने क्यों बस अब ये दिल किसी से भी कुछ ना कहना चाहता है, बस शान्ति के साथ कहीं ठहर जाना चाहता है... 🥰 #मन_में_एकाएक ❤️ #सादर_आभार 🙏🙏 ©Shivendra Gupta 'शिव' #walkingalone