।।तत्संस्थास्यमृतवोपदेशात्।। तुममें चित जिसने लगा लिया उसने जीवन अमृत पा लिया। छूट गई चौरासी उस जीव की आवागवन उसने मिटा दिया प्रभु से जुड़ा जो भी प्राणी उसने कर्म जकात चुका दिया। बी डी शर्मा चण्डीगढ़ शाण्डिल्य भक्ति सूत्र-3