Nojoto: Largest Storytelling Platform

विरुपाक्ष न विकृति,शिव समाँ नयनाभिराम। साक्ष स्न

विरुपाक्ष न  विकृति,शिव  समाँ नयनाभिराम।
साक्ष स्नेह संविती, सतनामा सुबहो शाम ।।

©RAVINANDAN Tiwari
  #वैराग्य_कच्ची_सड़क