सूना हर सफ़र सूनी-सूनी है हर डगर, सब दहलीज़ों के इस तरफ़, हर तरफ़ पहरों को पार कैसे किया जाए, चलो उनको तस्वीरों में तराशा जाए, तसव्वुर में उनसे मुलाकात की जाए, इक पुरानी सी मोहब्बत जो किताबों.. कहानियों में सुनतें पढ़तें है कभी, गुजरते वक़्त के दरमियां आजकल की जाए, ए ज़िंदगी इश्क़ कुछ यूँ भी किया जाए| सूना हर सफ़र सूनी-सूनी है हर डगर, सब दहलीज़ों के इस तरफ़, हर तरफ़ पहरों को पार कैसे किया जाए, चलो उनको तस्वीरों में तराशा जाए, तसव्वुर में उनसे मुलाकात की जाए, इक पुरानी सी मोहब्बत जो किताबों.. कहानियों में सुनतें पढ़तें है कभी, गुजरते वक़्त के दरमियां आजकल की जाए,