निगाहों में जलन, लहजे में अंगार लिए, क्यों हर बात पर वार कर जाते हो तुम? खुद को आइना समझ बैठे हो शायद, मगर हर अक्स को धुंधलाते हो तुम। जो लफ़्ज़ों में मिठास होनी थी कभी, अब उनमें तल्ख़ियां बढ़ाते हो तुम। खुद ही रूठते, खुद ही मनाते, ये कैसी रीत निभाते हो तुम? ©Evelyn Seraphina #love quotes in hindi #writer #nojoto_hindi #hindipoetry #everyone