बन्दं दरवाजो के भीतर एक औरत कि सहनशिलता और सस्कांरलिखे जाते है । वरना बाहर कैसे जीना उसका अन्र्तमन ये बखुबी जानता है।,, अन्र्तमन ही एक औरत का दर्पण.....🌹🌹🌹 सस्कांर , और सहनशिलता जिसने सबके लिए किए अर्पण......🥀🥀🥀✍