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बरसों से रुकी उस तस्वीर की तारीफ क्या करूं, जो बंद

बरसों से रुकी उस तस्वीर की तारीफ क्या करूं, जो बंद कमरे में किसी के सहारे रुकी है, 

सच तो ये है, हुनर उस तस्वीर में नहीं उस किल में है, जो बरसों से तस्वीर की बोझ  लेकर रूकी है, कील,
बरसों से रुकी उस तस्वीर की तारीफ क्या करूं, जो बंद कमरे में किसी के सहारे रुकी है, 

सच तो ये है, हुनर उस तस्वीर में नहीं उस किल में है, जो बरसों से तस्वीर की बोझ  लेकर रूकी है, कील,
manishkumarkaush5868

Manish Kumar

New Creator

कील,