महताब और आफताब बहुत हैं जमाने में दिल लगी के लिए मगर ये दिल कहीं भिड़ा नहीं न जाने किस नाजनी की ख्वाइशों में शुमार हैं हम। ©Rajesh Pundir #rajeshpundir788 #Love