"यूं तुफां बन के ना गुज़रा करो बहर-ए-उल्फ़त में ; वक्त देता नहीं किनारा या फ़िर किनारे ही कर देता है।।" - Angel ❤️ बहर-ए-उल्फ़तبحر الفت - ocean of love __शेर बनकर उभरती हैं तेरी यादें,अश्क़ वाहवाही जतातें है मुकम्मल गजल होने तक..!! ✍️ A curious life traveller(Suraj) #तेरे #उल्फ़त