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धीरे धीरे की परिभाषा, सिखाती है प्रकृति। पृथ्वी की

धीरे धीरे की परिभाषा,
सिखाती है प्रकृति।
पृथ्वी की रचना से -प्रलय तक ,
जन्म से मृत्यु तक,
हरेक में मौजूद है “धीरे -धीरे “

मनुष्य का शिशुरूप  से,
वयस्करूप तक धीरे -धीरे बढ़ना।

अक्षरों,शब्दों,वाक्यों द्वारा,
धीरे -धीरे भाषा की पहचान होना ।

व्यवहार ,आचरण,नियम द्वारा ,
धीरे -धीरे समाज में रहना सिखना।

सही -ग़लत,अच्छा -बुरा ,अनुभवों द्वारा ,
धीरे -धीरे रिश्तों की गरिमा को सम्भालने की कला सिखना।

सेकेंड ,मिनट ,घंटे द्वारा ,
धीरे -धीरे समय का मूल्य समझना ।

जीवन में कर्म द्वारा ,
धीरे -धीरे पाप-पुण्य का घड़ा भरना।

धीरे -धीरे चलकर ही,
मंज़ील को प्राप्त करना।

©Sunita Mandhane #Dhire 
#prakarti 

#Twowords
धीरे धीरे की परिभाषा,
सिखाती है प्रकृति।
पृथ्वी की रचना से -प्रलय तक ,
जन्म से मृत्यु तक,
हरेक में मौजूद है “धीरे -धीरे “

मनुष्य का शिशुरूप  से,
वयस्करूप तक धीरे -धीरे बढ़ना।

अक्षरों,शब्दों,वाक्यों द्वारा,
धीरे -धीरे भाषा की पहचान होना ।

व्यवहार ,आचरण,नियम द्वारा ,
धीरे -धीरे समाज में रहना सिखना।

सही -ग़लत,अच्छा -बुरा ,अनुभवों द्वारा ,
धीरे -धीरे रिश्तों की गरिमा को सम्भालने की कला सिखना।

सेकेंड ,मिनट ,घंटे द्वारा ,
धीरे -धीरे समय का मूल्य समझना ।

जीवन में कर्म द्वारा ,
धीरे -धीरे पाप-पुण्य का घड़ा भरना।

धीरे -धीरे चलकर ही,
मंज़ील को प्राप्त करना।

©Sunita Mandhane #Dhire 
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