मंज़िले इतज़ार करती रहती हैं, राह में भटकते मुसाफिर का। ठीक उसी तरह, कान्हा जैसे, मैं इतज़ार करती हूं तूमसे मिलने का। PiY@Poonamaggarwal सुप्रभात। मंज़िलें हमारा कब से रस्ता देख रही हैं। हम ही रास्ते में खोए हुए हैं। #मंज़िलें #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi##PiY@Poonamaggarwal