वो होकर तन्हा भी अपना सबर लिखता है दुनिया से दूर दुनिया की खबर लिखता है लालत है पड़ने वालो की नज़र पर वो शेर नही अपना दर्द मगर लिखता है टूट ही जाए उसका दिल और कलम तक इस सच को जुट वो अगर लिखता है जब मन खिलखिलाकर बेकाबू हो जाता है यू ही नही कोई गमो का शजर लिखता है तुम उसे खुशी से सहारा देकर तोड़ गए तब सब से दूर वो अपना हशर लिखता हैं ©Dheeraj #Thoughts dariya a dil