--कुछ बातें अनकही सी-- यहां मुर्दों को रोने वाली मिल जाती है हजारों आंखें, तो फिर जिन्दों को समझने वाला कोई क्यों नहीं।।— % & #कुछ_बातें_अनकही_सी जिन्दों को समझने वाला कोई क्यों नहीं . . . . . .