जब रात में अचानक नींद टूट जाती है। तब तुमसे मिलने की हूक छूट जाती है। मैं बाहर निकल कर देखता हूँ चाँद को! तू चाँदनी बनके मेरा चैन लूट जाती है। खिड़की पे खिला ग़ुलाब कहता है मुझे, क्या यूँ तेरी महबूबा रोज रुठ जाती है? OPEN FOR COLLAB✨ #ATroserainbg • A Challenge by Aesthetic Thoughts! 🌹 Collab with your lovely words.✨ • Must use hashtag: #aestheticthoughts • Please maintain the aesthetics.