White मल्हार की आवाज जब कानों में पड़ी मैं शुद्ध बुद्ध भूलाकर उससे जा लड़ी। यह भी याद नहीं रहा की कोई मेरा इंतजार कर रहा है, आँखों में सपने सजाए कोई अड़ा है। उसकी दर्द भरी आवाज सुनकर मैं सब कुछ भूल गई, किनारे जब तक कश्ती नहीं लगी तब तक मैं उसे देखती रही, जादू था या क्या था उसकी आवाज में मैं मदहोश सी हो गई। जब होश आया तो मैं दौड़ कर तेरे दर पर आ गई, तुझे ना पाकर फिर थोड़ा घबरा गई, तू ठीक तो है ना बस यह सोचने लगी। Good evening dostji🌷💐 ©Diya #Goodevening #मल्हार #डूबता #हुआ #सूरज #कश्ती #diyakikalamse❤✍🏼